अंबुबाची मेला
(Ambubachi Mela).
गुवाहाटी (असम) के कामाख्या मंदिर में वार्षिक रूप से अंबुबाची मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का आयोजन देवी की रजस्वला अवधि के दौरान किया जाता है।
गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।
अंबुबाची मेला देवी कामाख्या की प्रजनन क्षमता का प्रतीक है।
मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है।
देवी कामख्या को सिद्ध कुबजिका के रूप में भी जाना जाता है। इनकी पहचान काली और महा त्रिपुर सुंदरी के रूप में भी है।
इस मेले को पूर्व के 'महाकुंभ' के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
महत्त्व
रजस्वला के समय को अनुष्ठान के रूप में मनाने के कारण भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में असम में मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाएँ कम हैं। असम में लड़कियों को नारीत्व की प्राप्ति को भी उत्सव/रस्म के रूप में मनाया जाता है जिसे 'तुलोनी ब्या' कहा जाता है, इसका अर्थ है छोटी शादी।
अंबुबाची मेला मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने का भी एक अवसर है।
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